पिछले कुछ Articles में हमने विभिन्न प्रकार की Mutual Fund Schemes को विभिन्न तरीकों से Categorize करके उनके Purpose को बेहतर तरीके से समझने की कोशिश की, ताकि हम इस बात का बेहतर निर्णय ले सकें कि किस तरह के Financial Goal को पूरा करने के लिए हमें किस तरह की MF Scheme में Invest करना चाहिए।
इसी Sequence में आज हम जानेंगे कि Investment Purpose के आधार पर हमें किस तरह की जरूरत को पूरा करने के लिए किस तरह की Mutual Fund Scheme में Invest करना चाहिए।
Purpose के आधार पर मूल रूप से विभिन्न प्रकार की Mutual Fund Schemes को कुल 3 भागों में विभाजित किया जा सकता है, जिन्हें Growth Fund, Dividend Fund व Dividend Reinvestment Fund के नाम से जाना जाता है और तीनों ही तरह की Schemes की अपनी अलग जरूरत व अपना अलग महत्व है। चलिए, इन्हें थोड़ा विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं।
What is Growth Fund
जैसाकि हमने पिछले Articles में विस्तार से Discuss किया है कि विभिन्न AMCs, Investor के पैसे को विभिन्न प्रकार की Equity MF Schemes के माध्यम से विभिन्न प्रकार की Companies के Stocks में ही Invest करती हैं और सामान्यत: विभिन्न Companies अपने Investor को Reward करने के लिए उन्हें समय-समय पर Dividend देती हैं।
जब हम किसी MF Scheme के Growth Plan में Invest करते हैं, तब हम Fund Manager को ये अधिकार देते हैं कि Companies द्वारा Stocks पर दिया जाने वाला Dividend Directly हमारे Bank A/c में Transfer न हो बल्कि Fund Manager हमें प्राप्त होने वाले उस Dividend Amount को भी उसी MF Scheme के विभिन्न Stocks में फिर से Invest कर दिया जाता है। परिणामस्वरूप हमारे Investment का Capital बढ़ जाता है यानी हमारे MF Scheme का NAV बढ़ जाता है, फलस्वरूप Long Term में हमें मिलने वाला Return भी बढ़ जाता है।
What is Dividend Fund
जब हम किसी MF Scheme में Dividend Plan के अन्तर्गत Invest करते हैं, तब भी Companies द्वारा Stocks पर दिया जाने वाला Dividend हमें Directly हमारे Bank A/c में प्राप्त नहीं होता, बल्कि उस Dividend को Fund Manager द्वारा उसी MF Scheme के विभिन्न Stocks में फिर से Invest कर दिया जाता है। लेकिन Fund Manager Monthly, Quarterly, Half-Yearly अथवा Yearly Basis पर सम्पूर्ण Investment Amount में से कुछ हिस्सा Investor को Return कर देता है।
परिणामस्वरूप Investor के Investment का Capital कम हो जाता है यानी MF Scheme का NAV कम हो जाता है, फलस्वरूप Long Term में मिलने वाला Return उतना नहीं बढ़ता, जितना Growth Fund में बढ़ता है और यही वजह है कि Growth Plan व Dividend Plan, दोनों के NAV में काफी अन्तर होता है क्योंकि निश्चित समयावधि पर Dividend के रूप में MF Scheme से Cash Amount, Investor को Return कर दिया जाता है और MF Scheme से Cash कम होने पर NAV कम हो जाता है।
जिन लोगों को Monthly, Quaterly, Half-Yearly अथवा Yearly Basis पर Salary के रूप में कुछ Amount की जरूरत होती है, सामान्यत: वे लोग Dividend Plan को चुन सकते हैं।
What is Dividend Reinvestment Fund
जब हम किसी MF Scheme में Dividend Reinvest Plan के अन्तर्गत Invest करते हैं, तब भी Fund Manager द्वारा Monthly, Quarterly, Half-Yearly अथवा Yearly Basis पर सम्पूर्ण Investment Amount में से कुछ हिस्सा Investor को Return कर दिया जाता है, जिससे Fund का NAV कम हो जाता है। लेकिन इस Plan में Investor को Cash Amount Return नहीं किया जाता, बल्कि Dividend Amount को Units के रूप में Return किया जाता है, जिससे Investor के Units बढ़ जाते हैं।
परिणामस्वरूप एक तरह से ये Plan, Growth Plan की तरह ही Investor के Capital को Increase कर देता है और Long Term में उसे अच्छा Return प्राप्त होता है, लेकिन इस Plan में मिलने वाले Extra Units को Fresh Units के रूप में अथवा Additional Lumpsum Purchase के रूप में माना जाता है, इसलिए इन Extra Units पर MF Scheme के आधार पर Lock-In व Exit Load Apply होता है।
अत: यदि आप अपने Dividend को फिर से Reinvest करना चाहते हैं, तो बेहतर है कि आप Dividend Reinvestment Plan के बजाय Growth Plan में ही Invest करें, ताकि आपको Dividend के रूप में मिलने वाला Return Additional Purchase की तरह Treat न होकर, Capital Gain की तरह Treat हो, जिस पर एक साल के बाद Long Term Capital Gain Tax नहीं लगता।
वर्तमान समय में Equity व Debt दोनों ही प्रकार के MF Schemes पर मिलने वाला Return Tax-Free है। लेकिन Debt Funds पर DDT (Dividend Distribution Tax) Apply होता है, जो कि Indirectly, Investor के Investment से ही वसूल किया जाता है। जबकि जिन Investors ने Growth Plan के अन्तर्गत Invest किया होता है, उन पर ये Tax Apply नहीं होता। चलिए, इन Taxation System को थोड़ा विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं।
Debt Fund Short-Term (Less than 1 Year)
यदि एक Investor अपने Investment को 1 साल से पहले Redeem करता है, तो उस पर Short Term Capital Gain Tax Apply होता है। परिणामस्वरूप Investor जिस Tax Slab में आता है, उसके अनुसार उस पर Tax Apply होता है। उदाहरण के लिए-
- यदि Investor की सालाना आय वर्तमान समय के अनुसार 2.5 लाख तक है, तो उसे मिलने वाले Return पर कोई Tax नहीं लगता।
- यदि Investor की सालाना आय वर्तमान समय के अनुसार 5 तक है, तो उसे मिलने वाले Return पर 10% Tax लगता है।
- यदि Investor की सालाना आय वर्तमान समय के अनुसार 10 तक है, तो उसे मिलने वाले Return पर 20% Tax लगता है। और
- यदि Investor की सालाना आय वर्तमान समय के अनुसार 10 से अधिक है, तो उसे मिलने वाले Return पर 30% Tax लगता है।
इसलिए जो लोग 30 प्रतिशत की Tax Slab में आते हैं, उन्हें Dividend अथवा Dividend Reinvestment Plan के अन्तर्गत Invest करना चाहिए, क्योंकि केवल उन्ही के Investment Return पर DDT 28.33% Apply होगा, जो कि उन्हें लगभग 1.67% का Extra Tax Benefit देगा जबकि अन्य Tax Slab में आने वाले Investors को Dividend Plan का कोई फायदा प्राप्त नहीं होगा, बल्कि Tax Slab के आधार पर उन पर DDT Apply हो जाएगा, जिसे वे Growth Plan में Invest करके बड़ी ही आसानी से बचा सकते हैं।
Debt Fund Long-Term (More than 1 Year)
यदि आप 30% के Tax Slab में आते हैं और एक Investor के रूप में अाप किसी Debt Fund में 1 साल से अधिक समय तक Invested रहते हैं, तो उस स्थिति में भी आपके लिए Growth Plan में Invest करना सबसे बेहतर है, क्योंकि 1 साल के बाद Debt Funds में Long Term Capital Gain Tax पर Inflation Indexation Benefit प्राप्त हो जाता है। परिणामस्वरूप आपके Investment पर लगने वाला 28.33% का DDT घटकर लगभग 25% के आसपास ही रह जाता है और आपको लगभग 5% का Taxation Benefit प्राप्त हो जाता है।
Equity Fund Short-Term (Less than 1 Year)
यदि आप किसी Equity MF Scheme में 1 साल से कम समय तक ही Invest करते हैं और साल पूरा होने से पहले अपने Invested Amount को Redeem कर लेते हैं, तो आपको मिलने वाले Return पर Short Term Capital Gain Tax Apply होता है, जो कि 15% है। इसलिए यदि आपको 1 साल से कम समय के लिए ही Invest करना है और आप 0% या 10% की Tax Slab के अन्तर्गत ही आते हैं, तो बेहतर है कि आप Dividend Plan के अन्तर्गत ही Invest करें क्योंकि 1 साल से कम समय तक Invested रहने पर आप पर आपकी Tax Slab के आधार पर अधिकतम 10% का ही DDT Apply होगा, जो कि Short Term Capital Gain Tax से 5% कम है।
Equity Fund Long-Term (More than 1 Year)
वर्तमान समय में Equity Funds में 1 साल से अधिक Invested रहने पर Long-Term Capital Gains Tax Free है। इसलिए यदि आप किसी भी Equity MF Scheme में 1 साल से अधिक समय के लिए Invest करते हैं, तो आपको Long Term Capital Gain Tax नहीं देना होगा। परिणामस्वरूप आप किसी भी Tax Slab में क्यों न हों, आपको प्राप्त होने वाले Return पर आपको कोई Tax Pay नहीं करना होगा।
सरलतम शब्दों में कहें तो यदि आप Equity Fund में Invest कर रहे हैं, तो आपको हमेंशा Growth Fund ही चुनना चाहिए, क्योंकि Long Term अथवा Short Term किसी भी लिहाज से, Taxation के मामले में Growth Plan ही सबसे Best Option होता है। जबकि यदि आप Debt Fund में Invest करना चाहते हैं, तो आप 30% Tax Slab के अन्तर्गत आते हैं तथा आप 3 साल से कम समय के लिए ही Invest करना चाहते हैं, तो केवल इस स्थिति में आपको Dividend अथवा Dividend Reinvestment Plan में Invest करना चाहिए तभी आपको Best Tax Benefit प्राप्त होगा।
very nice article, easy to understand.
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