- ऐसा क्यों है कि भारत को आजादी मिले 60 साल से ज्यादा बीत जाने के बावजूद अभी भी भारत के ज्यादातर लोग गरीब हैं?
- ज्यादातर भारतीय लोग जिन्दगी भर जी-तोड़़ मेहनत करने के बावजूद भी हमेंशा आर्थिक तंगी से क्यों जूझते रहते हैं?
- आखिर क्यों जब उन्हें पैसों की बेहद ज्यादा जरूरत होती है, तब जिन्दगीभर मेहनत-मजदूरी करने के बावजूद भी उन्हें कर्ज लेना पड़ता है?
- आखिर क्यों अमीर, और अमीर होता जा रहा है और गरीब, और गरीब?
- आखिर क्यों आम आदमी अपनी छोटी-छोटी मामूली सी जरूरतों को पूरा कर पाने में भी परेशानी महसूस करता है?
- आखिर क्यों जिस गति से महंगाई बढ़ती है, उसी गति से आम आदमी की Income क्यों नहीं बढ़ती?
- आखिर क्यों एक व्यक्ति किसी वस्तु को खरीदने के लिए दिन-रात मेहनत करके पैसे इकट्ठा करता है, लेकिन फिर भी वह उस वस्तु को कभी नहीं खरीद पाता, जिसके लिए उसने दिन-रात जी-तोड़ मेहनत करके पैसा इकट्ठा किया होता है?
इन सभी सवालों का सिर्फ एक ही जवाब है और वो है वित्तीय साक्षरता (Financial Literacy) की कमी।
अगर एक भिखारी को भी Financial Literacy समझ में आ जाए, तो वह भी अमीर बन सकता है, फिर पढ़े-लिखे समझदार लोग कैसे गरीब रह सकते हैं।
यदि आप इस बात को समझ लें कि आपका पैसा कैसे काम करता है, तो आपको अमीर होने से कोई नहीं रोक सकता क्योंकि तब आप पैसे के लिए काम नहीं करेंगे बल्िक पैसा आपके लिए काम करेगा। आप पैसे के लिए नौकरी नहीं करेंगे, बल्कि पैसा, आपके लिए नौकरी करेगा। आप पैसे के लिए Business नहीं करेंगे, बल्कि पैसा आपके लिए Business करेगा।
लेकिन ऐसा केवल तभी हो सकता है, जबकि आप ये बात समझ पाऐं कि पैसा वास्तव में काम कैसे करता है और पैसे के काम करने के तरीके को समझना ही Financial Literacy है।
आप चाहे जितने भी Talented क्यों न हो, आप किसी Multi-National Company में चाहे जितनी High Salary Job में ही क्यों न हों, या आपका स्वयं का चाहे कितना भी बड़ा Well Established Business ही क्यों न हो, यदि आप Financially Literate नहीं हैं, तो आप कभी Financial Freedom प्राप्त नहीं कर सकते। आपका Future कभ्ाी भी Financially Secure नहीं हो सकता और आपको हमेंशा पैसों के लिए काम करना पडे़गा क्योंकि आप कभी भ्ाीअपने पैसाें को अपने लिए काम नहीं करवा पाऐंगे।
किसी न किसी तरह का काम सभी करते हैं और कम या ज्यादा, पैसा सभी कमाते हैं। महत्वपूर्ण ये नहीं है कि आप कितना कमाते हैं, महत्वपूर्ण ये है कि आपको पैसों के काम करने की समझ है या नहीं। यदि आप जानते हैं कि पैसा कैसे काम करता है, तो आप उसे Control कर सकते हैं, उसे उस तरह से काम करवा सकते हैं, जिस तरह से आप चाहते हैं। लेकिन यदि आप 98% अन्य भारतीयों की तरह ही पैसों को नहीं समझते, तो फिर पैसा आपको Control करता है और आप हमेंशा वैसे जीने पर मजबूर होते हैं, जैसा वे 2% लोग चाहते हैं, जो 98% पैसा कमाते हैं।
हमारे देश का 98% पैसा केवल 2% अम्बानी, अड़ानी, मित्तल, बजाज, टाटा जैसे उन लोगों के पास है जिन्हें हम अमीर कहते हैं और उनके द्वारा छोड़ दिया गया 2% पैसा, उन 98% भारतीयों के पास है, जिन्हें हम गरीब कहते हैं। वे ही 2% गरीब लोग सरकारें बनाते हैं, और उन्हीं 2% गरीब लोगों के लिए सरकारें सैकड़ों तरह की योजनाऐं बनाती हैं, लेकिन सच्चाई यही है कि केवल 2% पैसों के आधार पर चाहे जितनी योजनाए बन जाऐं, वे 98% भारतीय गरीब ही रहेंगे, क्योंकि 2% धन से आप 98% चीजें नहीं खरीद सकते। इसलिए मूलत: ये 2% अमीर लोग ही तय करते हैं कि बाकी के 98% गरीबों की जेब में कितना पैसा जाएगा।
लेकिन सवाल ये है कि ऐसा क्यों है? क्यों हमारे देश का 98% पैसा केवल 2% अमीर लोगों के पास ही है?
ऐसा केवल इसलिए है क्योंकि ये 2% लोग Financially Literate हैं। इन्हें पता है कि पैसा कैसे काम करता है, इसलिए ये लोग पैसे को अपने लिए काम करवाते हैं, न कि स्वयं पैसे के लिए काम करते हैं।
क्या आपने कभी सुना है कि किसी अमीर व्यक्ति ने अपने Financial Future को Secure करने के लिए अपनी Savings को Fixed Deposit Account में जमा करवाया?
मुझे विश्वास है कि आपने ऐसा कभी नहीं सुना होगा। लेकिन आपने बार-बार ये सुना होगा कि उस फलाने अमीर व्यक्ति ने वो नया Business Setup करने के लिए बैंक से इतने करोड़ का Loan लिया।
बस यही फर्क है अमीर और गरीब में। गरीब Saving करके बैंक में जमा करता है और अमीर उसी Saving को Loan के रूप में लेकर उसी गरीब के लिए नौकरी Create करता है।
गरीब, अमीरों की कम्पनियों में नौकरी करता है, जिससे उसे Salary मिलती है। मजे की बात ये है कि उस Salary में से सबसे पहले सरकार अपना हिस्सा Tax के रूप में काट लेती है। फिर बची हुई Tax Deducted Salary से वह हर महीने बमुश्किल अपना घर खर्च चला पाता है और अपनी लगभग सभी इच्छाओं को मारकर एक परेशान Robot की तरह प्रतिमाह कुछ बचत करता है, ताकि अपने Financial Future को Secure कर सके। हालांकि Financially Illiterate होने की वजह से जिन्दगीभर बचत करके भी वह Financial Freedom प्राप्त नहीं कर पाता क्योंकि Inflation यानी महंगाई उसकी बचत को घुन की तरह खा जाती है। फिर भी वह प्रतिमाह अपना पेट काटकर जो कुछ बचाता है, उसे ले जाकर Bank को दे देता है और थोड़ा अधिक ब्याज पाने की लालच में अपनी Savings का Fixed Deposit कर देता है।
ये है गरीबों के जीने का और कमाने का तरीका और यहां से शुरू होता है अमीरों का तरीका।
जिस कम्पनी में गरीब नौकरी करता है, उसी कम्पनी का मालिक उसी Bank में पहुंचता है, जहां गरीब अपनी Savings का Fixed Deposit करता है, उसी की Fixed Deposit के पैसों को वह Loan के रूप में लेता है और अपने Business में Invest कर देता है और फिर उसी Business काे बढ़ाने तथा Interest सहित Loan चुकाने के लिए Overtime यानी Extra मेहनत करवाता है उन्हीं नौकरीपेशा लोगों से, जिनके FD के पैसों से ही वह Company चल रही है।
यानी जिसकी बचत के पैसों से कम्पनी चल रही है, वही नौकरीपेशा व्यक्ति दिन-रात लगा रहता है अपने मालिक व सरकार को कमाकर देने के लिए और मजे की बात ये है कि उसे जिन्दगीभर इस बात का ऐहसास ही नहीं होता कि गधों की तरह दिन-रात मेहनत करके वह कितने लोगों को कमाकर दे रहा है।
बात यहीं खत्म नहीं हो जाती। नौकरीपेशा लोगों को जो Salary मिलती है, उसमें से सरकार Tax के रूप में अपना हिस्सा पहले ही काट लेती है, लेकिन एक Business करने वाला व्यक्ति, जो कि स्वयं नौकरीपेशा लोगों की बचत को Loan के रूप में लेकर अपनी कम्पनी चला रहा है, वह अपना Tax सबसे अन्त में Pay करता है क्योंकि किसी भी कम्पनी का Balance-Sheet साल के अन्त में बनता है और कम्पनी के मालिक द्वारा Business के नाम पर किए गए सभी तरह के ऐश-मौज के खर्चे घटाने के बाद जो बच जाता है, उस पर बनने वाला Tax Pay किया जाता है। यानी-
अमीर सभी तरह के सुख भोगने के बाद जो बचता है, उस पर Tax Pay करता है, जबकि नौकरीपेशा गरीब पहले Tax Pay करता है, फिर जो बचता है, उसमें अपनी जिन्दगी चलाता है।
यही फर्क है अमीर और गरीब में। अमीर जानता है कि उसे अपना Business करने के लिए पैसा कहां से और कैसे मिलेगा, इसीलिए वह अमीर है। जबकि गरीब नहीं जानता कि वास्तव में उसकी Savings का उपयोग करते हुए किस तरह से लोग अपना Business Setup करते हैं और उन्हीं के मालिक बन जाते हैं, इसीलिए वह गरीब हैं।
इसका मतलब ये नहीं है कि किसी को नौकरी करनी ही नहीं चाहिए। उपरोक्त Discussion का सारांश केवल इतना है कि इस बात को समझना चाहिए कि पैसा काम कैसे करता है क्योंकि जिस तरह से पैसा अमीरों के लिए काम करता है, उसी तरह से वही पैसा गरीबों के लिए भी काम कर सकता है।
यदि आप जानते हैं कि आप अपनी जिस Saving को Bank से 7 – 9% सालाना का Interest प्राप्त करने के लिए Fixed Deposit कर रहे हैं, उसी पैसे को किसी कम्पनी का मालिक उसी Bank को 12 – 15% सालाना की ब्याज देते हुए Loan के रूप में ले रहा है, तो इसका सीधा सा मतलब यही है कि आपके पैसों से कम से कम आपका Bank प्रतिवर्ष 3 – 6% सालाना कमा रहा है और जब आपका बैंक आपके पैसे से सालाना 6% तक कमा लेता है, तो आप स्वयं क्यों नहीं सीधे ही अपना पैसा Stock, Bond, Debenture या Mutual Funds के माध्यम से उस Company में Invest कर देते, क्योंकि जो 15% ब्याज वह कम्पनी, बैंक को दे रहा है, वही 15% ब्याज वह आपको भी तो दे सकता है।
अमीर केवल इसलिए अमीर है क्योंकि वह RISK लेने से डरता नहीं है और Business में Invest करता है। यहां तक कि Business में Invest करने के लिए भारी भरकम कर्ज भी लेता है। जबकि गरीब RISK लेने से डरता है, इसलिए Security खोजता है और Security के रूप में उसे सबसे सुरक्षित स्थान Bank ही लगता है। इसलिए वह बचत करता है और बैंक में जमा करता है, जिसके बदले बैंक उसे अधिकतम 9% सालाना तक का Interest Return देता है। जबकि हमारे देश की महंगाई दर ही लगभग 10% है।
यानी यदि आप 100 रूपए की 9% सालाना की दर से Bank FD करवाते हैं, तो एक साल बाद आपको कुल 109 रूपए प्राप्त होंगे, लेकिन हमारे देश की Actual महंगाई दर लगभ्ाग 10% सालाना है। इसलिए जो सामान खरीदने के लिए आज आपको 100 रूपए देने पड़ते हैं, Exactly 1 साल बाद आपको वही सामान खरीदने के लिए 110 रूपए देने पड़ेंगे। इसलिए भले ही आपको लगता हो कि 9% सालाना की ब्याज दर से आपने एक साल में अपने 100 रूपए पर 9 रूपए कमाए हैं, लेकिन वास्तव में अपने पैसों को Bank FD करके आपने 1 रूपए का घाटा खाया है।
यानी Indirectly Bank ने अापके पैसों को 1 साल तक अपने पास रखने के लिए आप से 1 रूपया वसूल किया है जबकि आपके ही पैसों को किसी Businessman काे Loan पर देकर उससे कम से कम 12% सालाना वसूल किया। इस तरह से आपको 9% ब्याज देने के बावजूद बैंक ने आपके ही 100 रूपए पर 1 रूपया आपसे और 12 – 9 = 3 रूपया Businessman से वसूल करके कुल 4 रूपया कमा लिया। यही है Financial Literacy, क्योंकि आपके ही पैसों पर आपने 1 साल में Indirectly 1% Interest चुकाया और उन्हीं पैसों पर आपके बैंक ने 4% Interest कमाया।
आपकी Saving का पैसा किस तरह से काम करता है, किस तरह से Banks जैसे Financial Institutions व Loan लेने वाले Businessmen के लिए Income का साधन बनता है और किस तरह से आप अपनी Savings को उचित Financial Instrument में Invest करके ज्यादा से ज्यादा Return प्राप्त कर सकते हैं, इन बातों को समझना ही Financial Literacy है क्योंकि यदि आप Financially Literate नहीं होंगे, तो आप गरीब ही रह जाऐंगे और यदि आप अभी स्वयं काे अमीर और सक्षम मानते हैं, तो विश्वास कीजिए, आप जल्दी ही गरीब हो जाऐंगे।
इसलिए यदि आप सचमुच Financially Secured Future व Financial Freedom चाहते हैं, तो Financially Literate होईए और समझने की कोशिश कीजिए कि कैसे काम करता है पैसा।