What is Tax – जैसाकि हम सभी जानते हैं कि किसी भी घर को चलाने के लिए, उसके विभिन्न खर्चों को वहन करने के लिए, उसकी जरूरत को पूरा करने के लिए, उस घर में रहने वाले सदस्यों को अनेक प्रकार की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए, घर की साज़ सजावट करने के लिए आदि अनेक प्रकार के खर्चों को वहन करने के लिए हमें कुछ धनराशि की आवश्यक होती है।
इस धनराशि को एकत्रित करने के लिए घर का कोई सदस्य चाहे वो घर का मुखिया (जैसे माता/पिता या दोंनों ) हो, घर का बेटा/बेटी हो या घर में रहने वाले सभी सदस्य काम करके Generate करते हैं जिसे हम उनकी Income कहते हैं।
यदि घर के सभी सदस्य मिलकर धनराशि को एकत्रित करते हैं तो उस घर की स्थिति, बाकी के घर जिसमें केवल एक या दो सदस्ये ही धन राशि को एकत्रित कर रहे हैं, उनकी तुलना में कई ज्यादा अच्छी होती है।
इसके अलावा कहीं-कहीं तो ये भी देखा गया है कि घर खुद भी कुछ धनराशि एकत्रित करता है खुदका खर्चा उठाने के लिए, अब आप कहेंगे की घर भला कैसें धन कमा सकता है?
इसमें हेरान होने की बात नहीं है। कुछ घर बहुत ज्यादा बड़े होते हैं और उसमें रहने वाले सदस्यों की संख्या काफी कम होती है। ऐसी स्थिति में उस घर में से कुछ हिस्सा किराये पर दे दिया जाता है। इस तरह से घर भी अपने खर्चो को वहन करने के लिए कुछ धन राशि की व्यवस्था खुद ही कर लेते है लेकिन ऐसा बहुत ही कम होता है। सामन्यत: तो घर के सदस्य ही घर की Income को Generate करते हैं।
इस Income को Generate करना इतना आवश्यक होता है जितना किसी मानव शरीर को चलने के लिए रक्त की आवश्यकता होती है। बिना धन राशि के घर चल पाना मुश्किल हो जाता है।
ये तो हुई घर की बात, अब बात करते हैं देश की, जिस तरह से घर को बिना धन राशि के नही चलाया जा सकता उसी तरह से किसी भी देश को बिना धन राशि के नहीं चलाया जा सकता क्योंकि घर के अनुसार ही देश के भी कुछ खर्चे होते हैं और उसे वहन करने के लिए देश को भी धनराशि की आवश्यकता होती है।
अब प्रश्न ये उठता है कि घर के लिए तो धनराशि उसमें रहने वाले सदस्य एकत्रित करेंगे लेकिन देश के लिए धन राशि कौन एकत्रित करेगा?
इस सवाल का जवाब है, देश के लिए धनराशि देश में रहने वाले लोग एकत्रित करते हैं क्योंकि जिस तरह से घर में रहने वाले लोग उस घर के सदस्य होते हैं उसी तरह देश में रहने वाले लोग उस देश के सदस्य होते हैं और इन्हीं के द्वारा देश के लिए धन राशि को एकत्रित किया जाता है।
अब हमारी समझ में आ गया कि देश में रहने वाले लोग उस देश के लिए धनराशि को एकत्रित करते हैं लेकिन क्या जितना व्यक्ति कमाएगा वो सब देश को दे देगा?
तो इसका जवाब है नहीं। हमारे द्वारा Generate की गई Income में से हमारे सारे खर्चे काट कर जो बचता है उसमें से हमें कुछ राशि का भुगतान देशहित में करना होता है तथा जिस राशि का भुगतान हम देशहित में करते हैं इसे ही Tax (कर) कहते हैं।
Tax देश की Income का एक स्त्रोत होता है जिस तरह से घर की Income के कई स्त्रोत होते हैं जैसे घर के सदस्य Income Generate करते हैं, यदि घर किराये पर दिया गया है तो किराया का पैसा आदि, उसी तरह Tax भी देश की Income का एक स्त्रोत होता है लेकिन यह देश की सबसे बड़ी Income का स्त्रोत होता है।
किसी भी देश की Income के कई स्त्रोत हो सकते हैं जैसे आयात-निर्यात करना, किसी अन्य देश को कोई सेवा प्रदान करना, किसी भी कार्य में भागीदारी करके Award जितने से होने वाली Income, Tax आदि लेकिन इन सभी Income में सबसे मत्वपूर्ण आय का जो स्त्रोत होता है वो केवल Tax ही होता है, Income का ये स्त्रोत निश्चित और स्थाई होता है।
Advantages Of Paying Taxes:
इस राशि का उपयोग देशहित में किया जाता है, बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने में किया जाता है, समाज के कल्याण में किया जाता है, राष्ट्र के कल्याण में किया जाता है, देश की अर्थव्यवस्था को सुधाने में किया जाता है, अपने नागरिको के जीवन स्तर में सुधार करने के लिए किया जाता है, देश की सुरक्षा करने में किया जाता है, नई-नई तकनिकी के विकास में किया जाता है, अलग-अलग प्रकार के प्रशिक्षण में किया जाता है आदि कार्यों के लिए किया जाता है। जिससे देश की प्रगती हो सके और देश विकास की ओर अग्रसर हो सके।
Types of Taxes:
मुख्य रूप में Tax के दो ही प्रकार होते हैं Direct Tax और Indirect Tax। हमारे द्वारा जितने भी प्रकार के Tax भरे जाते हैं चाहे वो Sell Tax हो, Income Tax हो या कोई भी Tax हो ये सभी Direct या Indirect Tax के अन्तर्गत ही आते है।
Direct Tax – जिन Tax को हम सिदे Pay करते हैं जैसे Income Tax, Wealth Tax, Corporate Tax आदि ये सभी Direct Tax की श्रेणी में आते हैं।
Indirect Tax – Indirect Tax ऐसे Tax होते हैं जिन्हे हम सिदे Pay नहीं करते बल्कि ये आपके द्वारा किसी वस्तु या सेवा का उपभोग करने पर छिपे तौर पर Pay किया जाता है जैसे Service Tax, Sales Tax, GST, आदि।
Other Tax- इन दोनों Tax के अलावा भी एक प्रकार का Tax ओर होता है जिसे केन्द्र सरकार के द्वारा किसी विशेष Agenda के लिए लगाया जाता है। इस प्रकार के Tax को Other Tax कहा जाता है। Other Tax को Direct व Indirect दोनों पर लगाया जाता है। इसका उदाहरण है Swachh Bharat Cess Tax, Krishi Kalyan Cess Tax और Infrastructure Cess Tax ये सभी Tax हाल ही में शुरू किये गए हैं जो Central Government के द्वारा लगाया जाता है।
भारत में Tax लेने का जो नियम है वो भारतीये संविधान में उल्लेखित है। इसी के जरिए भारत सरकार व राज्य सरकारों द्वारा अपने नागरिको से Tax वसूला जाता है। भारत में जितने भी प्रकार के Tax को वसूला जाता है, वे सभी Tax अलग-अलग कानून के अन्तर्गत आते हैं। इन सभी के लिए अलग-अलग धाराएं निर्धारित की गई है।