What is Assets and Liabilities – Business में, Business की वृद्धि और Business के अस्तित्व में Assets और Liabilities बहुत महत्वपूर्ण Role Play करती है। न केवल Business में बल्कि हमारे दैनिक जीवन में भी Assets और Liabilities का बहुत महत्वपूर्ण Role है।
यदि हम किसी Company या किसी Individual Person की Net Worth Calculate करना चाहते हैं तो उसके लिए भी Assets और Liabilities की Current Market Price Calculate करने के बाद ही हम उस Company या Individual Person की Net Worth Calculate कर सकते हैं। इसलिए हमें Assets और Liability होती क्या है? यह जानना बहुत जरूरी है।
Definition of Assets
Assets वह होती है जिस पर किसी कंपनी का या किसी Individual का स्वामित्व होता है।
अन्य शब्दों में समझे Assets ऐसे Resources हैं जिन पर Company का स्वामित्व होता है और जिनका भविष्य में कुछ आर्थिक मूल्य होता है। अर्थात् जिन्हे रूपयों में मापा जा सके। Assets कहलाती है।
Assets दो तरह की होती है।
- Non – Current Assets
- Current Assets
Non-Current Assets
Non-Current Assets – ऐसी Assets जिसे कोई Company एक वित्तिय वर्ष (Financial Year) से अधिक समय के लिए रखना चाहती है। Non-Current Assets कहलाती है। Non-Current Assets को Long Term Assets भी कहा जाता है।
अन्य शब्दों में Long Term Assets उन Assets को कहा जाता है जो कोई Company या Individual लम्बे समय तक के लिए अपने पास रखते हैं या ऐसी Assets जिसे किसी Company द्वारा 5 साल या उससे लम्बी अवधि तक के लिए रखा जाता है। Long-Term Assets कहलाती है।
जैसे आपके पास जो Land & Building, Gold, Properties, Plant & Machinery आदि है जिन्हे आप जल्दी से बेचने वाले नहीं होते हैं। मतलब ऐसी Assets जिनका Use आप लम्बे समय तक के लिए करते है तो इस प्रकार की Assets को Non-Current Assets या Long Term Assets कहते हैं। Non-Current Assets निम्न प्रकार की होती है।
- Tangible Fixed Assets
- Intangible Fixed Assets
- Long Term Investments
Tangible Fixed Assets – Tangible Fixed Assets ऐसी Assets होती है जिसे आप Feel (महसूस) कर सकते हैं, देख व छू सकते हैं। इस प्रकार की Assets, Tangible Fixed Assets कहलाती है जिसे हिन्दी में भौतिक संपत्ति (Physical Assets) भी कहा जाता है।जैसे आपका घर, Gold, Land & Building, Plant & Machinery, Vehicles आदि सभी Tangible Fixed Assets के उदाहरण है।
Intangible Fixed Assets – Intangible Fixed Assets ऐसी Assets होती है जो वास्तव में आप देख व छू तो नहीं सकते हैं, न ही महसूस कर सकते हैं, लेकिन उनका आपके जीवन और आपके Business में बड़ा महत्व होता है, क्योंकि यदि आप कोई Business कर रहे हैं तो आपको Business Increase करने के लिए Loan की आवश्यकता पड़ सकती है।
मान लीजिए कि आप कोई Loan लेना चाहते हैं तो आपकी Credibility (विश्वसनीयता) होनी चाहिए। मतलब आपको वही Loan दे सकता है जो आप पर भरोसा करता है, आपको जानता है। क्योंकि यदि किसी पर भरोसा न हो तो उसे Loan देना तो दूर की बात है, हम उससे मिलना भी नहीं चाहते हैं। इस प्रकार ये कहा जा सकता है कि आपकी जो Credibility (साख) है, वही आपकी Goodwill है, जो दिखती तो नहीं है, लेकिन है। इस प्रकार Goodwill ही आपकी Intangible Fixed Assets है।
कई Companies अपने Product Sell करती है तो वह अपने Product का Trade Mark, Patent, Copyright करवाती है। ताकि कोई उसके Product की Theme को चूरा कर अपना Personal Product न Create कर सके। इस प्रकार ये Trade Mark, Patent, Copyright भी दिखाई तो नहीं देते हैं, लेकिन फिर भी ये सारी Assets है जिन्हे Business की भाषा में Intangible Fixed Assets कहा जाता है।
Long-Term Investments – Long Term Investment वे होते हैं जो आप Share Market/ Stock Market, Mutual Fund में 3 से 5 साल या फिर 10 सालों तक की लम्बी अवधि तक के लिए करते हैं या आपने Land, Property, Machine, Plant, Gold आदि को 10-15 सालों तक के लिए Purchase किया है। तो ये सभी Investments, Long Term Investments कहलाते हैं।
Current Assets
Current Assets – ऐसी Assets जिसे एक Financial Year या उससे कम अवधि में ही Liquid या Cash में Convert किया जा सकता है और इनका Use Short Term Debt के भुगतान में किया जा सकता है। Current Assets कहलाती है। Current Assets को Short Term Assets भी कहा जाता है।
अन्य शब्दों में कहे तो Short Term Assets ऐसी Assets होती है जो एक Company या Individual अपने पास एक Financial Year या उससे कम समयावधि तक के लिए ही रखते हैं। जैसे-
- आपकी दूकान में रखा हुआ Stocks जो कुछ समय के बाद बिक जाऐगा।
- आपने किसी को माल उधार बेचा है (जिन्हे Companies की भाषा में Debtors या देनदार कहा जाता है।) और पैसे आने वाले हैं। आदि …
ये सभी एक साल से कम अवधि में Cash में Convert हो जाते हैं तो ये सभी आपकी Short Term Assets कहलाती है। संक्षिप्त में Short Term Assets ऐसी Assets होती है जो आपके पास एक साल या उससे कम समय के लिए रहती है। Current Assets के कुछ निम्न प्रकार है।
- Account Receivable
- Inventory
- Investments
- Cash
- Bank Balance
- Prepaid Expenses
- Advance Income Tax
अब ऐसा तो हो ही नहीं सकता कि किसी Company या Individual के पास केवल और केवल Assets (संपत्तियाँ) ही हो और उस Company या Individual से कोई कुछ मांगता न हो या उन्हे किसी को कुछ देना न पड़े। चाहे Company हो या हम जैसा कोई Individual हमें किसी न किसी को कुछ देना भी पड़ता है, किसी को देना बाकी भी होता है, यानी जब भी Business में देने की बात आती है तो उसे Accounting की Language में Liabilities के नाम से जाना जाता है। Liabilities का हिन्दी में मतलब होता है दायित्व। मतलब किसी Company या किसी Individual पर किसी का कितना दायित्व है, इस बात का अंदाजा आप उस Company की Balance Sheet को देखकर लगा सकते हैं। दायित्व जैसे Money या Goods या Services का Payment करना हो सकता है।
Assets की तरह ही Liabilities भी दो प्रकार की होती है।
Non-Current Liabilities
Non-Current Liabilities ऐसी होती है एक Financial Year या उससे भी एक लम्बी अधिक अवधि के बाद चुकाना होता है। अन्य शब्दों में कहे तो Non-Current Liabilities ऐसी Liabilities होती है जिसे एक Financial Year के अंदर नहीं चुकाना होता है या Settlement करना होता है। Non-Current Liabilities कहलाती है। Non-Current Liabilities को Long Term Liabilities भी कहते हैं। जैसे आपने घर के लिए Long Term Loan लिया हुआ है जो आपको 15 या 20 सालों के बाद चुकाना है या आपने Bank से कोई Project पर Loan लिया है जिसे आप 10 साल के बाद चुकायेंगे। तो वह Long Term Liabilities है जो आपको एक लम्बे समय के बाद चुकानी है। Non-Current Liabilities के कुछ निम्न प्रकार है।
- Long Term Borrowings
- Deferred Tax Liabilities
- Other Long Term Liabilities
- Long Term Provisions
Current Liabilities
Current Liabilities – किसी Company या Individual Person के ऐसे दायित्व जिनका भुगतान One Financial Year उससे कम अवधि में करना होता है। Current Liabilities कहलाती है। Current Liabilities को Short Term Liabilities भी कहते हैं क्योंकि इनका भुगतान बहुत Short Time में करना होता है। अन्य शब्दों में कहे तो Short Term Liabilities ऐसी Liabilities है जिनका भुगतान आपको तुरंत कभी भी करना पड़ सकता है। जैसे:
- पहली तारीख हुई Driver की Salary दीजिए।
- उसके अलावा Light & Electricity के Bill Payment करने पड़ सकते हैं।
- कुछ छोटे-2 खर्चे जो आपको 5 दिन, 10 दिन, 15 दिन या महिने, तीन महिने में चुकाने हैं।
- अपने Staff को Salary Paid करनी है,
- जब आप किसी से उधार माल Purchase करते हैं, (तो आपने जिनसे माल Purchase किया है Accounting की Language में उसे Creditors या लेनदार कहा जाता है।) तो Creditors को Payment करना।
- आपको अपने Tax का Payment करना है। आदि …
तो ये सारी Short Term Liabilities कहलाती है। Current Liabilities के कुछ निम्न प्रकार है-
- Short Term Borrowings
- Account Payable / Trade Payable
- Other Current Liabilities
- Short Term Provisions
- Bank Overdraft
- Outstanding Expenses
- Income Tax
Assets से संबंधित अहम बातें
Long Term Investment और Long Term Assets में खासतौर पर आपको एक बात का ध्यान रखना होता है कि ये Assets ऐसी होती है जो वक्त के साथ Price में कमी लाती है। यानी की अपनी Value को Depreciate करती है। इनकी Value समय के साथ-साथ कम होती जाती है।
उदाहरण के लिए मान लीजिए कि आपने कोई Car खरीदी है जिसकी Purchase Price 10 लाख रूपए हैं और आपका इरादा है कि आप इस Car को कम से कम पाँच साल तक तो Use में लेंगे।
अब सवाल ये उठता है कि आज आपने जो Car 10 लाख में खरीदी है, क्या 5 साल बाद उस Car की Value 10 लाख रूपए रहेगी, नहीं न। क्योंकि Car एक ऐसी Long Term Assets है जो समय के साथ-साथ Depreciate होती है अर्थात् अपनी Value में कमी करती है।
इसलिए आप मान सकते हैं कि 5 साल के बाद आपकी Car मुश्किल से 2 लाख रूपए की रहेगी। मतलब आपकी Car की Value 8 लाख रूपए से Depreciate हो गई है।
इसलिए अपनी Net Worth की Calculation करते समय वास्तविक बाजार मूल्य (Original Market Price ) से Calculation करें, न कि Purchase Price से।
Liabilities से संबंधित अहम बातें।
हमेंशा अपनी Liabilities को अपनी Assets से कम रखे। ध्यान रखे कि आपकी Liabilities कभी भी आपकी Assets से Increase न हो जाऐ। क्योंकि Assets से Liabilities का अधिक होना, Negative Net Worth को Indicate करता है, जबकि Assets से Liabilities का कम होना, Positive Net Worth को Indicate करता है।
मतलब चाहे कुछ भी हो जाऐ लेकिन आपकी Net Worth कभी भी Negative नहीं होनी चाहिए, क्योंकि चाहे आप Business कर रहे हो या अपनी Personal Life को Financially Secure करना चाहते हो, आप कोई Financial Planning करना चाहते हैं, लेकिन यदि आपकी Net Worth Negative हो गई है तो इसका मतलब है कि अब आपका जीवन खतरे की और बढ़ गया है और अब आप अपने दायित्वों को अपनी Assets बेचकर भी पूरा नहीं Paid कर सकते हैं।