विभिन्न प्रकार के लोगों की अलग-अलग तरह की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए Mutual Fund Companies (AMC) अलग-अलग तरह की Schemes Design करते हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग Mutual Funds के माध्यम से Stock Market में Invest कर सकें और Long Term में Inflation Adjusted Tax Free Return प्राप्त कर सकें
ताकि Private Sector में कार्यरत ज्यादातर लोग भी समय पर Financial Freedom प्राप्त कर सकें व अपनी सभी प्रकार की जरूरतों व इच्छाओं को पूरा करने के लिए Financially Prepare हो सकें और इस पोस्ट में हम विभिन्न प्रकार के Specialty आधारित Mutual Fund Schemes के बारे में विस्तार से समझने की कोशिश करेंगे, ताकि आप अपनी जरूरत के अनुसार उपयुक्त MF Scheme का चुनाव कर सकें।
What is Diversified Fund
विभिन्न प्रकार के Stocks को मूल रूप से Large Cap, Mid Cap व Small Cap नाम की तीन मुख्य Categories में विभाजित किया जा सकता है, जहां Large Cap में Invested Amount के पूरी तरह से डूब जाने की सम्भावना न के बराबर होती है लेकिन इनसे मिलने वाला Return भी काफी सीमित होता है, जबकि Small Cap में Invested Amount पूरी तरह से डूब सकता है लेकिन इन्हीं Stocks के हजारों गुना अधिक Return देने की भी सम्भावना होती है, क्योंकि वर्तमान समय की कोई भी Large Cap Company किसी न किसी दिन एक Small Cap Company ही थी।
एक Diversified Mutual Fund Scheme में इन तीनों ही Categories के Stocks होते हैं, जिनमें Investor के पैसे को अलग-अलग अनुपात में Invest किया जाता है। परिणामस्वरूप एक Diversified MF Scheme, Pure Large Cap Scheme की तुलना में थोड़ा अधिक Risky होता है, लेकिन साथ ही इससे मिलने वाला Return भी Pure Large Cap MF Scheme की तुलना में अधिक होता है।
एक Diversified MF Scheme, Capital Wise Diversification के अलावा अन्य प्रकार से भी Diversified हो सकता है। उदाहरण के लिए यदि किसी MF Scheme में केवल Top 200 Companies के Stocks में ही Invest किया जा रहा हो, तो इस तरह की MF Scheme को Large Cap Diversified MF Scheme कह सकते हैं, क्योंकि इस तरह की Scheme के सभी Stocks लगभग Large Cap Stocks ही हैं, लेकिन इस तरह की MF Scheme के Stocks अलग-अलग Sectors जैसे कि IT, Pharma, Logistic, Banking, etc… से हो सकते हैं।
यानी जब किसी MF Scheme के Portfolio के विभिन्न Stocks एक से ज्यादा Sector या एक से ज्यादा Market Capitalization अथवा दोनों के Combination से Design किए गए होते हैं, तो इस तरह की MF Scheme को Diversified MF Scheme के नाम से जाना जाता है।
एक Diversified MF Scheme की सबसे बड़ी विशेषता ये होती है कि यदि आपको अपने किसी Financial Goal को पूरा करने के लिए किसी उपयुक्त MF Scheme का चुनाव करने में दिक्कत आ रही हो, ताे बिना किसी तरह के Confusion के आप बेहिचक किसी भी Diversified MF Scheme में Invest कर सकते हैं और यदि आप First Time Investor हैं, तो आपको अपने पहले Investment के लिए किसी Diversified Fund या Index Fund में ही Invest करने की शुरूआत करनी चाहिए।
यदि आपका Investment करने का Time Horizon 3 से 5 साल का हो, तो आपको किसी Large Cap Diversified Fund में Invest करना चाहिए। यदि आपका Investment करने का Time Horizon 5 से 10 साल का हो, तो आपको किसी Mid Cap Diversified Fund में Invest करना चाहिए और यदि आपका Investment करने का Time Horizon 10 साल या उससे अधिक हो, तो आपको किसी Small Cap Diversified Fund में Invest करना चाहिए।
Diversified Fund वास्तव में एक तरह का Investment Portfolio Selection का तरीका है, जो कि Investor के पैसों को एक से ज्यादा Sector व Market Capitalization में Invest करने का माध्यम प्रदान करता है और किसी भी तरह के Fund में Diversification किया जा सकता है और कोई भी Special Fund, Diversified हो सकता है। उदाहरण के लिए किसी भी प्रकार का Fund जैसे कि Hybrid, Balanced, Sectoral, Thematic आदि Diversified हो सकता है। जैसे Diversified Hybrid Fund, Diversified Sector Fund, Diversified Balanced Fund, Diversified Themetic Fund, etc…
What is Balanced Fund
Balanced Fund ऐसी Mutual Fund Schemes होती हैं, जिनमें Investor के पैसे का अधिकतम 0-35% तक Debt Instruments में Invest किया जाता है, जबकि कम से कम 65% पैसे को Equity में Invest किया जाता है।
इस तरह के Fund काे Design करने का मूल उद्देश्य अधिक सुरक्षा के साथ Long Term में बड़ा Return Generate करना होता है जहां Debt Instruments में किया गया Investment, Capital को अधिक सुरक्षित रखता है, जबकि Equity में किया गया Investment, Capital पर ज्यादा Return Generate करने का काम करता है।
इस तरह के Funds में सामान्यत: वे लोग Invest करना पसन्द करते हैं, जो कम Risk लेना चाहते हैं अथवा जिनका Goal Fulfill करने का Time Horizon कम होता है, क्योंकि Balanced Funds, Pure Equity Funds की तुलना में अधिक Secure होते हैं।
What is Index Fund
Index किसी भी देश के Stock Market को मापने या Represent करने का एक तरीका है। उदाहरण के लिए Sensex व Nifty, भारत के Stock Market के Index हैं। Market Capitalization के आधार पर Sensex व Nifty वास्तव में भारत की क्रमश: 30 व 50 सबसे बड़ी कम्पनियों के Stocks का Collection है, इसलिए Sensex या Nifty के बढ़ने का मतलब है कि भारतीय बाजारों में तेजी का माहोल है क्योंकि भारतीय बाजार की 30 या 50 सबसे बड़ी कम्पनियों के Stocks तेजी में हैं और इसी आधार पर ये माना जाता है कि भारत के ज्यादातर कम्पनियों के Stocks तेजी में हैं।
चूंकि यदि कोई व्यक्ति Sensex या Nifty में Invest करना चाहे, तो उसे Sensex या Nifty के सभी Stocks में उसी मात्रा में Invest करना होगा, जिस मात्रा में उनका अनुपात Index के अन्तर्गत है और Index में Included विभिन्न कम्पनियों के Stocks की Price हर रोज घटती-बढ़ती है, इसलिए हर रोज इन कम्पनियों का Market Capitalization भी बदल जाता है। ऐसे में हर रोज इनके अनुपात को Maintain करना एक आम Investor के बस की बात नहीं है साथ ही Index की सभी कम्पनियों के केवल 1 Stock में Invest करने पर भी काफी बड़े Amount की जरूरत होती है क्योंकि ज्यादातर कम्पनियों के 1 Single Stock की कीमत भी हजार रूपए से ज्यादा है।
इसलिए कुछ MF Companies इन Index को Replicate करती हैं जिन्हें Index Fund के नाम से जाना जाता है, ताकि यदि एक आम निवेशक भी Sensex या Nifty Index की कम्पनियों में Invest करना चाहे, तो इन Index Funds के माध्यम से 500 रूपए जैसे छोटे Amount को भी ठीक उसी अनुपात में Index की सभी Companies में Invest कर सके, जिस अनुपात में वे Actual Index मे हैं।
साथ ही Index Fund का Distributor Commission व MF Expense किसी भी अन्य प्रकार के MF Scheme की तुलना में सबसे कम अधिकतम 0.30% तक ही होता है, क्योंकि Index Fund एक तरह का Passively Managed Fund होता है। यानी इस Fund के लिए Best Stocks का Selection करने के लिए Fund Manager को कोई मेहनत नहीं करनी पड़ती, क्योंकि Index के लिए Best Stocks का Selection स्वयं SEBI व अन्य Regulatory Bodies द्वारा किया जाता है। इसलिए Index में Included Stocks की Companies के पूरी तरह से डूब जाने की सम्भावना न के बराबर होती है।
परिणामस्वरूप यदि आप ऑंख बन्द करके किसी Large Cap Fund में Invest करने का निर्णय लेना चाहें, तो Index Fund में निवेश करने का निर्णय ले सकते हैं, क्योंकि Index Fund को Manage करने का काम अप्रत्यक्ष रूप से RBI व स्वयं सरकार करती है, इसलिए किसी Index Fund में कब किस कम्पनी के Stock को Add करना है और कब किसे हटा देना है, इसके बारे में सबसे Best Decision स्वयं सरकार द्वारा ही लिया जाता है।
इसलिए यदि आप अपने Investment पर किसी भी तरह का कोई Risk लेना नहीं चाहते, तो आप बेहिचक किसी Index Fund में निवेश करना शुरू कर सकते हैं, क्योंकि Index Fund कभी पूरी तरह से Zero नहीं होगा बल्कि हमेंशा बढ़ेगा ही, हालांकि इसके बढ़ने की गति पूरी तरह से Index के बढ़ने पर ही आधारित होगी और Index का बढ़ना पूरी तरह से देश की आर्थिक तरक्की पर निर्भर करेगा। साथ ही Sensex व Nifty आधारित Index Fund को Track करना भी आपके लिए आसान होगा क्योंकि जब Index बढ़ेगा, आपके Investment का Return बढ़ेगा और जब Index घटेगा, तब आपकाे Index Fund में और Invest करने का मौका मिलेगा।
किसी भी Market में कमाने का केवल एक ही तरीका है और वो है, LOW पर खरीदना और HIGH पर बेचना। यानी जब चीज सस्ती होने लगे, तब और खरीदें और जब महंगी होने लगे, तब बेचें। Stock Market की भाषा में इसे Negative Averaging करना कहते हैं, लेकिन Negative Averaging केवल High Quality Stocks में ही की जा सकती है और Index के Stocks से अधिक High Quality के Stocks और कोई नहीं होते। साथ ही हम इस बात की Guarantee भी मान सकते हैं कि Index एक ऐसा Stock Collection है, जो Long Term में बढ़ने ही वाला है क्योंकि हर देश Long Term में तरक्की ही करता है। इसलिए जब Market टूट रहा होता है, तब Index Fund में और अधिक Invest करना यानी Negative Averaging करना कम समय में अधिक पैसा बनाने का सरलतम उपाय है।
इसलिए यदि आप Lowest Risk में Highest Return प्राप्त करना चाहते हैं, तो SIP के माध्यम से Index Fund में Invest करना शुरू कीजिए और जब Stock Market 2008 जैसी मंदी में हो, तब उसी Index Fund में ज्यादा से ज्यादा Invest करने की कोशिश कीजिए। जब Market फिर से Recover होगा, तो मंदी के दौरान किया गया आपका Investment कई गुना अधिक होकर Return होगा।
What is Tax Saving Funds
वर्तमान समय में कई ऐसे Mutual Fund Schemes हैं, जो Tax Benefit Provide करते हैं। सामान्यत: इस तरह की MF Schemes को ELSS (Equity Linked Saving Schemes) के नाम से जाना जाता है। इन MF Schemes को इस तरह से Design किया गया होता है कि इनमें Invest करने पर Investor को उसके Investment पर Section 80C के अन्तर्गत अधिकतम 1 लाख रूपए तक का Tax Exemption मिल जाता है। इस तरह के Investment पर अधिकतम 3 साल का Lock-In होता है। यानी Investor इस Scheme में Invest करने के बाद कम से कम 3 साल तक अपने Investment को Redeem नहीं कर सकता।
इसलिए यदि आपका कुल Tax 1 लाख तक बनता है, तो इस तरह की MF Scheme में Invest करके आप 1 लाख तक का Tax तो बचा ही सकते हैं, साथ ही आपका ये Investment Equity Market में Invest होता है, इसलिए सामान्यत: 3 साल बाद आपको जो Return प्राप्त होता है, वो भी Bank FD या PPF A/c में मिलने वाले Return की तुलना में कहीं ज्यादा होता है।
What is Thematic Funds
Thematic Fund ऐसी MF Schemes होते हैं, जो किसी Specific समय पर किसी Specific Trend के अनुसार बनाया गया होता है। इन Funds की विशेषता ये होती है कि जब ये Fund चलते हैं, तब बहुत Return देते हैं, लेकिन एक बार जब Theme का Trend खत्म हो जाता है, तो इस प्रकार के Funds का Return बिल्कुल कम हो जाता है।
उदाहरण के लिए 2000 के आसपास बहुत सारे ऐसे नए MF Schemes अाए थे जो पूरी तरह से IT (Information Technology) के Theme पर ही आधारित थे और इन Schemes में ज्यादातर Investment केवल I. T. Stocks में ही किया जाता था। लेकिन 2000 के IT Bubble के Burst होने के बाद इस तरह की MF Schemes ज्यादा समय तक Survive नहीं कर सकीं।
इसी तरह से 2010 के आसपास बहुत सारे ऐसे नए MF Schemes अाए थे जो पूरी तरह से Real State Theme पर ही आधारित थे, लेकिन वर्तमान समय में इन में से ज्यादातर MF Schemes Survive भी नहीं कर पा रहे हैं।
इसलिए यदि आपको Theme की ठीक समझ न हो, तो किसी भी Thematic MF Scheme में Invest न करें। ये सबसे ज्यादा Risky MF Schemes होते हैं इसलिए इनमें कब Enter करना है और कब Redeem कर लेना है, इसी बात पर निर्भर करता है कि आपका Investment कितना Return देगा।
What is Sector Funds
Sector Funds ऐसे MF Schemes होते हैं, जो Investor के पैसे को किसी एक या अधिक Specific Sector के Stocks में ही Invest करते हैं। उदाहरण के लिए Banking Sector से सम्बंधित MF Scheme में केवल Banking Stocks में ही Invest किया जाता है। इसी तरह से Pharmaceuticals Sector से सम्बंधित MF Scheme के अन्तर्गत केवल Pharma Companies के ही Stocks होते हैं।
Thematic Funds की तरह ही Sector Funds भी जब चलते हैं, तब खूब चलते हैं, लेकिन जब रूक जाते हैं, तब ये भी उतने ही Risky होते हैं, जितने Thematic Funds, इसलिए इस तरह के Sector Funds में भी तभी Invest करना चाहिए, जब Sector की अच्छी समझ हो, ताकि आप उचित समय पर MF Scheme में Entry व Investment कर सकें और सही समय पर ज्यादा से ज्यादा Profit के साथ Exit कर सकें।
What is Funds of Funds
जैसाकि नाम से ही समझ में आ जाता है कि ये ऐसे Funds होते हैं जो Investor के Amount को किसी अन्य MF Companies की किन्हीं MF Schemes में Invest करते हैं। यानी इनके Portfolio में Companies के Stocks नहीं बल्कि अन्य AMCs की MF Schemes होती हैं।