What is Deduction Under 80c – Tax Payers के लिए March का समय एक ऐसा समय होता है, जब वे अपना ज्यादातर ध्यान इसी बात पर लगाते हैं कि आखिर अपनी Tax Liability को किस तरह से कम किया जा सके ताकि ज्यादा से ज्यादा पैसा बच सके और कम से कम Tax Pay करना पड़े। इस स्थिति में Tax Payers का ध्यान Income Tax Act, 1961 के Section 80C के पर ही जाता है। आइए जानते हैं Section 80C के संदर्भ में कुछ सवालों को जानते हैं जिसका Benefit, Tax Payers को Tax Return File करते समय मिलता है।
आखिर ये Section 80C क्या है?
Section 80C एक ऐसा Tax Saving Instrument है जिसे Tax Payers द्वारा अपनी Tax Liability को कम करने के लिए सबसे ज्यादा प्रयोग में लिया जाता है। इसके अंतर्गत Tax Payers को ये Benefit मिलता है कि यदि वे Income Tax Act के Section 80C में Specified Investment Option में उल्लेखित Amount तक Invest करते हैं तो उन्हे उसकी Deduction मिल जाती है और उन्हें उस Invested Amount पर किसी तरह का कोई Tax Pay नहीं करना पड़ता है।
न केवल Investment Options बल्कि इसके अलावा भी Section 80C में कई तरह के ऐसे Expenditure विकल्प भी उपलब्ध है जिसमें यदि Tax Payers द्वारा कोई Expenses किया जाता है तो उन Expenses की Deduction लेने के लिए उसे भी Section 80C में Qualify किया जा सकता है। जैसे- Tuition Fees.
Section 80C के अंतर्गत कौन-कौन से Tax Payers, Tax Deductions के लिए Claim कर सकते हैं?
एक Individual Tax Payer और Hindu Undivided Family (HUF) दोनों ही Section 80C के अंतर्गत मिलने वाले 1.5 लाख रूपए तक के Tax Benefit के लिए Claim कर सकते हैं। बशर्ते कि चाहे Individual Tax Payers हो या HUF Tax Payer हो, दोनों के द्वारा Section 80C के अंतर्गत Specified Investment Options में Investment किया गया हो।
आखिर Section 80C के Specified Investment Options कौन-कौन से है जिसमें Invest करने से Tax Payers को Deduction मिलती है?
Section 80C में निम्नलिखित Investment Option Specify किए गए हैं जिसमें Invest करने पर ही Tax Payers द्वारा Tax Deduction के लिए Claim किया जा सकता है।
- Individual अथवा HUF Tax Payers द्वारा Voluntary Provident Fund, Public Provident Fund, Employee Provident Fund में Investment किया जा सकता है।
- Sukanya Samriddhi Scheme, Equity Linked Saving Scheme Mutual Fund, Post Office Schemes में Investment किया जा सकता है।
- Life Insurance Premium, Tuition Fees और Home Loan के Principal Amount का Repayment करने पर उसकी Deduction ली जा सकती है।
- NABARD Bonds में Investment किया जा सकता है।
- Stamp Duty और Registration Charges को वहन करना।
- National Pension Scheme जिसे NPS के नाम से भी जाना जाता है, उसमें Investment किया जा सकता है।
- National Saving Certificate जिसे NSC के नाम से भी जाना जाता है, उसमें Investment किया जा सकता है।
- Senior Citizen Saving Scheme जिसे SCSS के नाम से भी जाना जाता है, उसमें Investment किया जा सकता है।
Tax Payers द्वारा Deduction के लिए Claim कैसे किया जाऐ?
यदि Individual Tax Payer या HUF Tax Payer, Section 80C के अंतर्गत मिलने वाले Tax Deduction का लाभ लेना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हे Particular Financial Year में Specified Investment Options में जितना Amount, Section 80C के अंतर्गत Deductible होता है, उतना उन्हें Invest करना अनिवार्य है, केवल उसी स्थिति में Tax Payers द्वारा Tax Deduction लेने के लिए Claim किया जा सकता है।
Income Tax Act 1961 के Section 80C से Related अहम बातें।
- एक बात का मुख्य रूप से ध्यान रखे कि इन प्रत्येक Eligible Investments Options में Amount Invest करने की अपनी स्वयं की एक Limit होती है, और Tax Payers द्वारा उस Limited Amount से ज्यादा Amount को Invest नहीं किया जा सकता है।
- प्रत्येक Investment Options की अपनी अलग-अलग Rate of Return होती।
- प्रत्येक Investment Options पर मिलने वाले Return को Income Tax के नजरिए से अलग-अलग तरह से Treat किया जाता है।
प्रत्येक Tax Payers से हमारी यही सलाह है कि विस्तृत जानकारी के लिए वे अपने Legal Tax Advisor से सलाह-मशवरा जरूर करें।
उम्मीद है, What is Deduction Under 80c से सम्बंधित ये Post आपके लिए निश्चित रूप से उपयोगी रहा होगा और भविष्य में भी ऐसे ही उपयोगी Articles अपने Email पर प्राप्त करने के लिए Subscribe जरूर करें, Like करें, अपने Friends/Followers के साथ Share करें।