What is IDV in Car Insurance – Insured Declared Value का छोटा रूप या संक्षिप्त नाम है, IDV।
सीधे शब्दों में कहे तो IDV आपके वाहन की Current Market Value होता है। IDV के द्वारा ही यह तय किया जाता है कि आपके वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने पर कितना Amount आपको Insurance company द्वारा Paid किया जाएगा।
यदि आपकी Vehicle चोरी हो चाए, दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हो जाए आदि, इन सभी स्थिति में आप Insurance Company पर कितने Amount तक का दावा कर सकते हैं, इस बात का निर्धारण IDV के द्वारा ही किया जा सकता है।
लेकिन एक बात हमेंशा आपको ध्यान रखनी होगी कि आप Company पर Amount प्राप्त करने के लिए दावा तभी कर सकते हैं जब आपके द्वारा ली गई Policy Expire न हुई हो। अगर आपके द्वारा ली गई Policy Expire हो गई है तो आप Amount के लिए Company पर दावा नहीं कर सकते। इसलिए समय-समय पर आप Insurance Policy को Renew करवाते रहें।
How to Calculate IDV
IDV Calculate करने के लिए कुछ Points की आवश्यकता होती है और ये आपको बहुत ही आसानी से प्राप्त हो जाते हैं:-
- सबसे पहले आपको चाहिए आपके Vehicle का Registration Detail.
- आपका Vehicle किस शहर में Register हुआ है। (ये सूचना आपके Registration Certificate पर लिखा होता है।)
- Purchase Price या Registration Date (ये भी आपके Registration Certificate पर लिखा होता है।)
- Current Registration Type मतलब वर्तमान में Registration किस तरह का है। (Vehicle पर Company का अधिकार है या आपका स्वयं का अधिकार है।)
- Vehicle Details
- Cubic Capacity: (Auto Populated Based on Manufacture and Model Details)
- Vehicle Description: (Auto Populated Based on Manufacture and Model Details)
- Ex-Showroom Price: (Auto Populated Based on Database)
IDV Calculation Statement

What is IDV in Car Insurance
- Manufacture’s listed selling price जिसे Ex-Showroop Price भी कहते हैं
- Accessories Excluded का अर्थ ऐसी Accessory जो Manufacture’s Listed Selling Price में Include न हो।
IDV and Premium
Insurance का Premium, IDV के अनुपातिक होता है। अत: जैसे-जैसे आपके वाहन की Age बढ़ेगी, वैसे-वैसे Premium का Amount घटेगा। IRDAI जिसका पूरा नाम है Insurance Regulatory and Development Authority of India ये बताती है कि आपके वाहन के लिए Maximum Declared Value इसके Ex-Showroom Price का 95% हो सकता है। अत: वाहन खरीदने के छ: महीने के अन्दर आपके वाहन का 5% ह्रास (Depreciation) हो जाता है।

What is IDV in Car Insurance Depreciation Charge
Why is IDV Important?
IDV ही एक मात्र तरीका है जिसके द्वारा जब आपका वाहन चोरी हो जाए या किसी दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हो जाए, तो उसके वास्तविक मूल्य का पता लगा कर Insurance Company द्वारा आपको भुगतान किया जाता है।
आपको हमेंशा ऐसा IDV Choose करना चाहिए जो आपके वाहन के Market Value के आस-पास हो। Insurance Companies के द्वारा हमें IDV को कम करने के लिए 5% से लेकर 10% तक अलग-अलग Range Provide करवाया जाता है। इसमें से जो आपके लिए अच्छा हो आप उसे चुन सकते हैं। जितना कम आपका IDV होगा उतना ही कम आपका Premium होगा और किसी दुर्घटना के घटित होने पर उतना ही कम आपको Return दिया जाएगा।
क्या होगा अगर आप IDV कम Declare करते हो?
IDV और Premium का सीधा सम्बन्ध होता है। यदि आप IDV को बाजार मूल्य से कम पर Declare करते हैं, तो आपको Premium भी कम Pay करना होगा।
IDV को बाजार मूल्य से कम पर Declare करने का केवल एक ही फायदा होता है, कि अापके द्वारा जो Premium राशि का भुगतान किया जा रहा है उसमें आपके कुछ पैसे बच जाते हैं।
लेकिन यदि आपका वाहन किसी कारणवश्ा दुर्घटना ग्रस्त हो जाता है, तो आपको मिलने वाला Return भी कम ही होगा क्योंकि आपने Premium की कुछ राशि बचाने के लिए IDV को बाजार मूल्य से कम पर Declare किया था और Company के नजर में जितना आपके द्वारा IDV Declare किया जाता है उतना ही उस वाहन का बाजार मूल्य माना जाता है और Company के द्वारा उस IDV के अनुसार ही आपको Return दिया जाता है।
यदि आपको मिलने वाला Return आपके द्वारा दुर्घटनाग्रस्त वाहन में किये गए खर्चे से कम है, तो आपको किसी प्रकार की चिंता करने की अवश्यकता नहीं है। लेकिन यदि आपका Accidental खर्चा, प्राप्त हुए IDV से ज्यादा होगा, तो आपको बहुत बड़ा नुकसान उठाना होगा।
क्या होता है IDV ज्यादा Declare करने से?
IDV ज्यादा Declare करने से सबसे पहले तो आपको Premium की राशि का ज्यादा भुगतान करना होगा। लेकिन इसका फायदा ये होगा कि थोडे से पैसे ज्यादा Pay कर देने मात्र से आपको ज्यादा Cover प्राप्त होता है। यदि आपका वाहन किसी दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हो जाता है तो आपको ज्यादा से ज्यादा Cover प्राप्त होता है और आप एक बड़े नुकसान से बच जाते हैं।
इसका दूसरा बड़ा फायदा ये है कि जब भी आप अपने वाहन को बेचते हैं, तो आपको उसकी अच्छी कीमत प्राप्त हो जाती है। इसलिए आप हमेंशा अपने IDV को बाजार के मूल्य के आस-पास ही Declare करें, जिससे कि आपको अधिक से अधिक Cover प्राप्त हो सके और दुर्घटना की स्थिति में आपको कम से कम या न के बराबर नुकसान उठाना पड़े।