What is Hybrid Funds – इन MF Schemes के अन्तर्गत Equity व Debt दोनों प्रकार की Securities में Invest किया जाता है, इसलिए विभिन्न प्रकार के Risk Taking Capacity के आधार पर कोई भी व्यक्ति इन MF Schemes में Invest कर सकता है।
ये MF Schemes एक तरह से Pure Equity व Pure Debt Schemes के बीच के Gap को Fill करते हैं और एक ऐसा तरीका Provide करते हैं, जो Medium Risk के साथ ज्यादा Return प्राप्त करने में सहायक होते हैं, क्योंकि इन Schemes में Investor के Investment के एक निश्चित अनुपात को Equity में और एक निश्चित अनुपात को Debt Securities में Invest किया जाता है।
परिणामस्वरूप Equities में किया गया Investment, Investor के Capital को तेज गति से बढ़ाता है, जबकि Debt में किया गया Investment, Investor के Capital को बचाए रखता है। इसलिए इन MF Schemes में Generally वे लोग Invest करते हैं, जो Pure Equity Fund जितना Risk तो लेना नहीं चाहते, लेकिन Pure Debt Funds से ज्यादा Return चाहते हैं, ताकि आपने किसी Short Term या Mid Term Financial Goal को ज्यादा आसानी से पूरा कर सकें और इन्हीं Hybrid Funds के आधार पर कुछ अन्य प्रकार की MF Schemes को Design किया गया है, जो कि निम्नानुसार कुछ Specific Group के लोगों की जरूरतों को ज्यादा बेहतर तरीके से पूरा करते हैं:
Monthly Income Plans (MIPs)
इन MF Schemes के अन्तर्गत Different Asset Class में Invest करने से Asset Class Diversification का फायदा प्राप्त होता है, जिसके अन्तर्गत Investor के Investment का 70% to 95% Debt Securities में Invest किया जाता है जबकि 5 % to 30 % तक Equity Securities में।
परिणामस्वरूप इन MF Schemes का Return, Pure Debt Funds की तुलना में काफी ज्यादा होता हो और Generally इन MF Schemes में वे लोग Invest करते हैं, जिनका Time Horizon कम होता है अथवा जिनकी Risk लेने की क्षमता कम होती है और जो Regular Income चाहते हैं।
उदाहरण के लिए जो लोग Retirement के करीब होते हैं या Retire हो चुके होते हैं, उन लोगों की Salary या किसी अन्य तरीके से होने वाली Monthly Earning बन्द हो जाती है। वे लोग अपनी Monthly Earning को जारी रखने के लिए इस तरह की MF Schemes में Invest करते हैं, ताकि Retirement के बाद भी वे आर्थिक रूप से किसी पर निर्भर न रहें और एक निश्चित Salary के रूप में उन्हें इन MIP के अन्तर्गत मासिक आय होती रहे।
इन MIPs को भी हम Debt Oriented Hybrids के रूप में निम्नानुसार कुछ Specific Categories में Classify कर सकते हैं:
- Debt Securities से Income Generate करने वाले MIPs
- कम Risk पर Long Term में Equity Securities द्वारा Capital Growth करने वाले MIPs
- Monthly, Quarterly, Half-Yearly या Yearly आधार पर Dividends Return करने वाले MIPs
हालांकि इन MIPs में Monthly Income पूरी तरह से Assured नहीं होता, और प्राप्त होने वाला Return पूरी तरह से AMC यानी MF Company द्वारा Distribute किए जाने वाले Dividends पर आधारित होता है। इसलिए यदि Market की Condition ठीक न हो, तो MF Company कई-कई महीनों तक Dividends Return नहीं करता, क्योंकि इन Hybrid MF Schemes का एक हिस्सा Equity में Invest होता है, जो कि Market Fluctuation से प्रभावित होता है।
Capital Protection Oriented Funds
ये Closed Ended Funds होते हैं और Hybrid प्रकार के होते हैं क्योंकि इन MF Schemes में Invested Amount को Debt व Equity, दोनों प्रकार की Securities में Invest किया जाता है। इन MF Schemes में Debt Securities का Allocation कुछ इस तरह से किया जाता है कि Maturity के अन्त तक कुल Debt Investment Amount, MF Scheme में किए गए कुल Original Investment के बराबर हो जाए और इस जरूरत को इन Funds के Equity Portion द्वारा Fulfill किया जाता है।
इन Funds का मूल उद्देश्य किसी भी स्थिति में Investor के Invest किए गए Capital को Protect करना होता है, इसलिए इन MF Schemes द्वारा उतना Return प्राप्त नहीं होता, जितना Pure Equity Funds से प्राप्त होता है, लेकिन इन MF Scheme में Investor का Capital हमेंशा पूरी तरह से Secured रखने की कोशिश की जाती है। इसलिए इनमें Bank FD के Alternative के रूप में Invest किया जा सकता है, हालांकि इन MF Schemes में भी Guaranteed Return Offer नहीं किया जाता, जो कि Bank FD में होता है।
Multiple Yield Funds
ये MF Schemes भी Close Ended Income Funds ही होते हैं, जिनका उद्देश्य Debt Securities के माध्यम से Income Optimize करना होता है और Equities के माध्यम से Potential Growth बनाए रखना होता है, ताकि MF Scheme द्वारा Invested Amount का Capital Appreciation भी होता रहे, यानी Return भी बढ़ता रहे।
इन Schemes के Fund Managers Highly Reputed Issuers की Debt Securities में ही Invest करते हैं, साथ ही काफी कम मात्रा में Equity में Invest करते हैं, ताकि Invested Amount को कम से कम Inflation को Beat करने लायक अवस्था में Appreciate किया जा सके।
हमारे देश में Hybrid Funds जिन्हें Balanced Funds भी कहते हैं, को Equity Funds के समान ही Treat किया जाता है, इसलिए इनका Long Term Capital Gain Tax 1 साल के बाद 0 हो जाता है, क्योंकि हमारे देश में ज्यादातर Hybrid Funds में 65% Equity Allocation होता है। जबकि जिन Hybrid Funds में कम से कम 65% हिस्सा Equity में Invest न किया गया हो, उन्हें Debt Funds की तरह Treat किया जाता है, जिनका Long Term Capital Gain Tax 3 साल के बाद 0 होता है। इसलिए Hybrid Funds में Invest करने से पहले इस बात को निश्चित कर लेना जरूरी होता है कि आप किस तरह के Hybrid Fund में Invest कर रहे हैं।