Meaning of Inflation – Indian Investors की मानसिकता हमेंशा यही होती है कि वे जब भी Invest करें, सबसे पहले उनके उस Investment की Security होनी ही चाहिए।
यानी वे जो भी पैसा Invest करें, चाहे वह पैसा कहीं पर भी Invest क्यों न करें, दशकों बाद ही सही, कम से कम उन्हें उनका Invest किया गया Amount तो फिर से मिलना ही चाहिए और उस Invested Amount को पाने के लिए भारतीय Investor सालों इन्तजार कर सकते हैं।
जबकि सच्चाई ये है कि समय के साथ महंगाई (Inflation) के कारण भी पैसे की Purchasing Power कम होती जाती है। इसलिए Invest किया गया पैसा यदि लम्बे समय तक कम से कम महंगाई दर के बराबर भी न बढ़ पाए, तो एक तरह से उस पैसे पर अप्रत्यक्ष रूप से घाटा हो चुका होता है और इस अप्रत्यक्ष घाटे को ही हम Inflation या मुद्रास्फीति के नाम से Refer करते हैं।
चलिए, एक उदाहरण द्वारा समझने की कोशिश करते हैं कि किस तरह से Inflation, आपके एक न बढ़ते हुए या कम बढ़ते हुए Investment को अप्रत्यक्ष रूप से घाटे में बदल देता है।
सामान्यत: ज्यादातर भारतीय लोग Financially Illiterate हैं, इसलिए जब उनके पास कुछ Extra Surplus यानी सभी प्रकार की जरूरतों व इच्छाओं को पूरा करने के बाद भी कुछ पैसा बच जाता है, तो Bank FD करवाने या फिर Property खरीदने के अलावा उन्हें उस बचत को कहीं और Invest करने के बारे में सूझता ही नहीं है।
अत: मान लीजिए कि 8 साल पहले 6 वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद आपको कुछ Extra पैसा मिला और सभी प्रकार के खर्चे कर देने के बाद भी आपके पास कुछ पैसा बच गया, जिसमें से 1 लाख रूपए में आपने एक Plot खरीद लिया, जो कि एक प्रकार से आपका Property में Investment था, लेकिन 8 साल बाद भी यदि आप आज उस Plot को बेचने की कोशिश करते हैं, तो कोई भी ग्राहक आपको उस Plot के 1 लाख रूपए से अधिक देना नहीं चाहता। जिसका मतलब यही है कि आपके Plot की कीमत आज भी उतनी ही है, जितनी 8 साल पहले थी।
जबकि यदि आपने उन्हीं 1 लाख रूपयों को 9% की दर से Fixed Deposit में जमा करवा दिया होता, तो आज वे ही 1 लाख रूपए, 2 लाख बन चुके होते। यानी अप्रत्यक्ष रूप से आप पिछले 8 सालों में 1 लाख रूपए का खाटा उठा चुके हैं और यदि अगले 8 सालों तक भ्ाी आपके उस Plot की कीमत 1 लाख ही रहती है, तो 8 साल बाद आप अप्रत्यक्ष रूप से 3 लाखा का घाटा खा चुके होंगे क्योंकि उन्हीं 1 लाख रूपयों को यदि आप 9% सालाना की दर से Bank FD में Deposit कर देते, तो 16 साल में आपकी Bank FD दो बार Mature हो चुकी होती।
यही है Inflation यानी महंगाई दर, जो कि आपकी बचत को आपकी जानकारी के बिना भी धीरे-धीरे खा जाता है और ऐसा केवल इसलिए होता है क्योंकि आप सोंचते हैं कि Property में Invest किया गया पैसा कम से कम उतना तो फिर से Return होता ही है, जितने में आपने उसे खरीदा होता है, जबकि सच्चाई ये है कि आपकी खरीदी गई चीज को यदि आप केवल एक साल बाद भी उसी खरीदी गई कीमत पर बेच देते हैं, तब भी अप्रत्यक्ष रूप से आपको लगभग 8 से 10% का घाटा होता है, क्योंकि हमारे देश की Actual सालाना महंगाई दर लगभग 8 से 10% है यानी जो चीज आपको आज 100 रूपए में मिल रही है, अगले साल उसी चीज को खरीदने के लिए आपको कम से कम 110 रूपए देने होंगे क्योंकि एक साल बाद आपके उन्हीं 100 रूपयों की Purchasing Power घटकर 90 रूपए हो जाएगी।
ये Inflation यानी महंगाई वास्तव में एक दीमग की तरह है, जो धीरे-धीरे आपके बचाए गए पैसों की Purchasing Power को पूरी तरह से खोखला कर देता है। इसलिए आप जब भी कुछ पैसा बचाते हैं तो अपने बचे हुए पैसों को Invest करते समय इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि कहीं आप किसी ऐसी जगह तो Invest नहीं कर रहे हैं, जो आपके पैसों को Inflation से भी बचाने में सक्षम नहीं है।
उदाहरण के लिए यदि आप अपने बचे हुए पैसों को अपने Saving Bank A/c में ही जमा रखते हैं, जिस पर आपको सालाना 4% ब्याज मिलता है, तो अप्रत्यक्ष रूप से आप अपने पैसों को Bank में जमा रखने के लिए कम से कम 6% Interest Pay कर रहे हैं क्योंकि यदि आप अपनी बचत के 100 रूपयों 1 साल तक Saving Account में रखते हैं, तो 1 साल बाद ब्याज सहित आपको कुल 104 रूपए मिलेंगे लेकिन उसी 1 साल में 10% महंगाई बढ़ चुकी होगी।
फलस्वरूप जिस चीज को आप आज 100 रूपए में खरीद सकते हैं, अगले साल आपको वही चीज खरीदने के लिए 110 रूपए देने हाेंगे, जबकि 1 साल तक उन पैसों को Saving Bank A/c में जमा रखने पर आपको मिलेगा केवल 104 रूपया, यानी 1 साल बाद आपको 6 रूपया अपनी जेब से और मिलाना पड़ेगा उसी चीज को खरीदने के लिए। इसलिए यदि आप अपनी सारी बचत को Saving Bank A/c में ही जमा रखते हैं, तो बेहतर है कि आप उसे आज ही खर्च कर दीजिए। कम से कम आप उन पैसों का सुख तो भाेग पाऐंगे क्योंकि Saving Bank A/c में उन पैसों को जमा रखकर तो आप अपने ही पैसों को बैंक में जमा रखने के लिए अप्रत्यक्ष रूप से बैंक को लगभग 6% सालाना का ब्याज दे रहे हैं।
Inflation को Beat करने के और भी तरीके हैं, लेकिन यदि आपको उनके बारे में पता नहीं है, तो कम से कम अपने Saving A/c में जमा उन पैसों की Fixed Deposit तो करवा ही दीजिए, जिनकी आपको कम से कम अगले 3 महीनों में जरूरत नहीं पड़ने वाली है ताकि आपको उस पर तो कम से कम 7.5% सालाना का ब्याज तो मिल सके और प्रतिवर्ष आपको अपना पैसा बैंक में जमा रखने के बदले में केवल 2.5% का ही Indirect Interest Pay करना पड़े।
जो लोग Inflation के प्रभाव को ठीक से नहींं समझते, वे हमेंशा इसी उधेड़-बुन में लगे रहते हैं कि उनकी साधारण जरूरतें भी पूरी क्यों नहीं हो पाती। आपने भी महसूस किया होगा कि जिस Financial Goal को Achieve करने के लिए आप बचत करना शुरू करते हैं, जब आप उस Goal के नजदीक पहुंचते हैं, तब आपको पता चलता है कि आपका वही Goal अब आपसे और दूर हो गया है और ऐसा होता है सिर्फ Inflation के प्रभाव को न समझ पाने की वजह से।
उदाहरण के लिए मान लीजिए कि आपने तय किया कि 5 साल बाद आपको अपना घर बनाने के लिए 1000 Sq. Ft. का एक Plot खरीदना है, जिसकी कीमत लगभग 5 लाख रूपए है। आपने प्रतिवर्ष 1 लाख यानी प्रतिमाह लगभग 8500 रूपए बचाने शुरू किए। लगभग 5 साल बाद आपके पास 5 लाख रूपए हो गए लेकिन जब आप वह Plot को खरीदने गए, जिसके लिए आपने 5 लाख रूपए इकट्ठा किए थे, तो आपको पता चला कि अब उस Plot की कीमत लगभग 7.5 लाख हो चुकी है।
यानी आप 5 साल बाद भी उस Plot को नहीं खरीद सकते क्योंकि आपके पास अभी भी पर्याप्त पैसे नहीं हैं और ऐसा होने का सिर्फ एक ही कारण है: Inflation, क्योंकि यदि आपको Inflation की समझ होती, तो आप पहले ही अन्दाजा लगा चुके होते कि जो Plot आज 5 लाख में मिल रहा है, वही 5 साल बाद लगभग 7.5 लाख में मिलेगा, इसलिए आप 5 लाख नहीं बल्कि 7.5 लाख बचाने की Planning करते। जबकि यदि आपको पैसों के काम करने की समझ होती यानी आप Financially Literate होते, तो आपको 5 साल इन्तजार करने की भी जरूरत नहीं होती बल्कि आप पहले अपना घर बनाते और पैसा आने वाले 5 सालों में Pay करते और वो भी पूरे 7.5 लाख नहीं बल्कि उससे कहीं कम।
यदि आप Inflation के प्रभाव को ठीक से नहीं समझते, तो आप अपने किसी भी Financial Goal को कभी Achieve नहीं कर सकते क्योंकि कोई भी Financial Goal Achieve करने के लिए आपको Proper Planning करनी पड़ती है और Inflation को Include किए बिना आप कोई भी ऐसी Financial Planning नहीं कर सकते, जो कि Successful हो।